गाँव में नई दीवारें गाँव में नई दीवारें
मेरे गाँव में ............. मेरे गाँव में .............
मौन रहकर भी सदा तुम बोलते अधिकार से हो, बंद हो तुम सीप जैसे तुम खुले अखबार से हो । मौन रहकर भी सदा तुम बोलते अधिकार से हो, बंद हो तुम सीप जैसे तुम खुले अखबार से...
रौंद रही है मृत्यु चरण से काँप उठा यह विश्व मरण से। रौंद रही है मृत्यु चरण से काँप उठा यह विश्व मरण से।
जिस तरह नदी अपनी राह पर निरंतर बढ़ती जाती है, कवियत्री भी अपने सपनों की तरफ बढ़ रही हैं। जिस तरह नदी अपनी राह पर निरंतर बढ़ती जाती है, कवियत्री भी अपने सपनों की तरफ बढ़ रह...
आपस में कट्टी तोड़कर, दोस्ती को आगे बढ़ाओ। आपस में कट्टी तोड़कर, दोस्ती को आगे बढ़ाओ।